Friday, May 14, 2010

राजधानी पटना के एक हाई स्कूल में शिक्षा , शिक्षक और बेचारे विद्यार्थियों का हाल - दैनिक जागरण , पटना , से एक खबर




राजधानी पटना के एक हाई स्कूल में शिक्षा , शिक्षक और बेचारे विद्यार्थियों का हाल - दैनिक जागरण , पटना से एक खबर


दैनिक जागरण , पटना के हवाले ,पटना जिले के धनरुआ प्रखंड में स्थित पभेडा हाई स्कूल की एक खबर आई है. पभेडा , पटना मसौढ़ी गया रोड के निकट एक बड़ा गाँव और बाजार है. मोबाइल और लैंड लाइन टेलिफोन की सुविधा,पभेड़ी मोड़ पटना गया उच्च पथ पर स्थित एक ठीक ठाक बाजार ,प्रखंड मुख्यालय से पभेडा गाँव महज चार किलो मीटर की दूरी . राजधानी पटना भी बीस किलो मीटर से ज्यादा दूर नहीं.मतलब पभेडा गाँव हर मायने में आधुनिक संचार , यातायात और प्रशासनिक व्यवस्था केंद्र के बेहद निकट अवस्थित है..आप पढ़ कर अनुमान लगाएं की इस स्कूल में क्या हो रहा होगा. हमने शिक्षा को किन लोगों के हवाले कर दिया है और नयी पीढ़ी को क्या पढ़ा और सिखा रहे हैं.अगर पभेडा हाई स्कूल में यह सब हो सकता है तो सुदूर देहाती स्कूलों और खास कर प्राथमिक तथा मध्य विद्यालयों में बच्चों पर किस किस तरह के जुल्म ढाए जाते होंगें ? मन सिहर उठता है.

गुस्साये शिक्षक ने छात्रों की पिटाई की, चार जख्मीMay 14, 11:46 pmबताएं
Twitter Delicious Facebook मसौढ़ी धनरूआ प्रखंड की आदर्श पंचायत पभेड़ा स्थित श्री राम हरि उच्च विद्यालय के एक शिक्षक ने दर्जनों छात्रों को शुक्रवार को पिटाई कर दी, जिससे चार छात्र गंभीर रूप से जख्मी हो गये। बाद में उनका उपचार स्थानीय निजी क्लीनिक में कराया गया। इन छात्रों का दोष इतना था कि मुख्यमंत्री की विकास यात्रा की संभावित दौरे को लेकर शुक्रवार की सुबह योजनाओं की समीक्षा करने गये बीडीओ से ग्रामीणों ने विद्यालय की बदतर स्थिति की शिकायत की थी और इन शिकायतों की जांच करने बीडीओ विद्यालय पहुंचे थे। वहां छात्र-छात्राओं ने ग्रामीणों की शिकायत की पुष्टि भर कर दी थी। इस बीच बीडीओ ने विद्यालय की बदतर स्थिति की लिखित जानकारी एडीओ को देते हुए कार्रवाई करने का आग्रह किया है।

मिली जानकारी के मुताबिक धनरूआ प्रखंड की पभेड़ा पंचायत सरकार द्वारा घोषित आदर्श पंचायत है। ऐसी संभावना जतायी जा रही है कि मुख्यमंत्री अपनी विकास यात्रा को लेकर निकट भविष्य में इस पंचायत का भी दौरा करेगे। मुख्यमंत्री के इस दौरे को लेकर शुक्रवार की सुबह बीडीओ शंकर प्रसाद सिंह पभेड़ा पंचायत में क्रियान्वित योजनाओं की समीक्षा करने पहुंचे वहां ग्रामीणों ने उनसे गांव में स्थित श्री राम हरि उच्च विद्यालय की बदहाल स्थिति की शिकायत की। ग्रामीणों से मिली इन शिकायतों की जांच करने बीडीओ तुरन्त विद्यालय पहुंचे। वहां की स्थिति देख वे चकित रह गये। विद्यालय में गंदगी का अंबार लगा था और छात्र-छात्राएं खेल रहे थे। विद्यालय के कुल दस शिक्षकों में से प्रधानाध्यापक सत्य नारायण सिंह समेत नौ शिक्षक व दोनों आदेशपाल अनुपस्थित थे। हालांकि प्रधानाध्यापक ने उन्हे सेलफोन पर खुद को जिला शिक्षा पदाधिकारी के कार्यालय में कार्यवश होने को बताया। छात्र-छात्राओं ने भी बीडीओ से हमेशा अधिकांश शिक्षकों के अनुपस्थित रहने व इस कारण उनका पठन-पाठन बाधित रहने की शिकायत दर्ज करायी। उधर जांच के बाद बीडीओ के लौट जाने के करीब दो घंटे के उपरान्त विद्यालय के शिक्षक ब्रजेश कुमार, पूनम कुमारी व उपेन्द्र कुमार वहां पहुंचे। शिक्षकों को देख कक्षा नौवीं व दशमी के छात्रों ने उनसे कक्षा लेने का अनुरोध किया। बीडीओ से खुद की गयी शिकायत से पहले से ही आक्रोशित शिक्षक ब्रजेश कुमार तिलमिला उठे और उन्होंने पहले उन छात्रों के साथ अपशब्दों का प्रयोग किया और फिर उनसे बदला लेने की एक सोची समझी साजिश के तहत कक्षा लेने के बहाने उन्हे कक्षा में ले गये और वहां छात्रों को डंडा, चप्पल से पीटना शुरू कर दिया इससे छात्र चोटिल हो गये। थाना में लिखित आवेदन दिया।

ऊपर की यह खबर जमीनी स्तर पर शिक्षा की बदहाल व्यवस्था से साक्षात्कार कराता है . सरकारी व्यवस्था के विपरीत हासिये पर स्थित देहाती तबकों में शिक्षा की ललक और व्यक्तिगत निष्ठा और समर्पण का दर्शन कराती ऊपर में दी गयी तीन तस्वीरें धनरुआ प्रखंड के मध्य विद्यालय ननौरी की है. दिसम्बर महीने का पहला सप्ताह , समय सुबह के साढ़े आठ बजे. गाँव के एक उतसाही आदर्शवादी व्यक्ति स्कूल खुलने के पहले गाँव के बच्चों को अपने निजी स्तर पर प्रारभ्मिक शिक्षा देते हैं . स्कूल भवन , पढ़ाने वाले की निष्ठा और बच्चों की स्थिती पर गौर करें . गाँव के bottom ५०% के बच्चे पढ़ना लिखना सीख रहें हैं.पढ़ने वालों में बालिकायों की संख्या पर देखें . पढ़ने और पढ़ाने की कैसी ललक है यहाँ . पर सरकारी शिक्षा व्यवस्था पर कैसे लोगों का कब्जा है और वो कैसे कैसे सितम ढाते हैं.

Friday, April 2, 2010

ताज़ी तस्वीरें- बिहार के खेत ,घर और सडकों से

बिहार के खेत - खलिहानों ,घर - बाहर की ये चंद तस्वीरें क्या कहती हैं ?

खेत में हार्वेस्टर कोम्बायीन



टाटा की नैनो को मात देती देसी जुगाड़ जिसे लोग बाग़ झर झरिया गाडी कह रहे हैं.



घर

घरौंदा


हुक्का

खेत में मूर्ति


अनमोल विरासत की हालत


Friday, January 22, 2010

कुहेलिका . कुहेलिका

पूरे उत्तरी भारत में ठंढ का ऐसा आलम है की अखबार और टी वी चैनल वालों को उपयुक्त विशेषण नहीं मिल रहे हैं .अनुप्रास अलंकार की तो बात hin नहीं है .मित्र नीरज ने दिल्ली के कुहरे , ठंढक और उसमें बनते बिगड़ते मनोविज्ञान का बढ़िया खाका अपनी इस कविता में खींचा है. सुन्दर शब्द चयन और संगीतात्मकता से भरी इस कविता का आनंद उठायें. नीरज भारत सरकार में पदाधिकारी हैं. )

कुहेलिका . कुहेलिका
हिम विदीर्ण हवा की
कठिन यह पहेलिका .

यन्त्र रथी हुए रुद्ध
बद्ध गमन आगमन
जम गए जटिल क्षण
हिमनद हुआ गगन .

क्षीण स्मरण ताप से
पिघले प्रतीक्षा
स्वपन सहित स्वास की
कैसी परीक्षा .
- Niraj Kumar

Monday, October 19, 2009

ड़ी पी एस आर के पुरम ,नयी दिल्ली ,से आई आई टी में दाखिले का सुपर हाई वे

ड़ी पी एस आर के पुरम से सीधे आई आई टी में दाखिले का सुपर हाई वे .

आई आई टी प्रवेश परीक्षा में शामिल होने के लिए निम्नतम योग्यता + २ परीक्षा में 80 या 85 % किये जाने की चर्चा है . अगर कोई विद्यार्थी +२ की बोर्ड परीक्षा में निर्धारित 80 -85 % से कम अंक लाता है तो वह आई आई टी के परीक्षा में शामिल नहीं हो सकता है.
अगर देश भर के विभिन्न राज्यों की माध्यमिक परीक्षा बोर्डों की बात की जाय तो 80 -85 % से ऊपर अंक से +२ परीक्षा पास करने वाले छात्रों की संख्या बमुश्किल से कुछ हजार होगी. आज के हिंदुस्तान समाचार पत्र में झारखण्ड ,उत्तराखंड ,उत्तर प्रदेश और बिहार के सन्दर्भ में यह आंकडा (2009 की बोर्ड परीक्षा के आधार पर ) 35 -3700 पहुंचता है. मतलब यह की 35 करोड़ की आबादी वाले हिंदी पट्टी के ये चार राज्यों के कुल जमा चार हजार छात्र आई आई टी की प्रवेश परीक्षा में बैठ सकेंगें.हाँ कहने वाले जरूर यह कह सकते हैं की इन राज्यों के सी बी एस सी के स्कूलों में पढ़ने वाले छात्रों में इस प्रवेश परीक्ष में बैठने की योग्यता वाले छात्रों की संख्या राज्य माध्यमिक बोर्डों से पास होने वाले छात्रों की तुलना में अच्छी होगी .तर्क के लिए अगर मान भी लिया जाय तो भी इन चार राज्यों से परीक्षा में बैठने वाले छात्रों का आंकडा दस हजार से कतय्यी आगे नहीं जाएगा.
हिंदी भाषी इन चार पिछडे राज्यों से अब निगाह हटायें और दिल्ली के कुलीन प्रतिष्ठित विद्यालय डीपीएस आर के पुरम को देखें.यह भारत की राजधानी दिल्ली के रसूख वाले लोगों के वारिसों का स्कूल है. 2009 की सीबीऍसई की बोर्ड परीक्षा में तक़रीबन ८०० छात्र छात्राएं 80 % से ज्यादा अंकों से पास की .विज्ञानं के तक़रीबन छः सौ छात्र आई आई टी की प्रवेश परीक्षा में शामिल होने की पात्रता रखते हैं.
अब आप बताईये किस सामजिक आर्थिक पृष्ठभूमि वाले छात्र आई आई टी में शामिल हो सकते हैं.जब प्रवेश परीक्षा में शामिल होने में हिन् इतनी बंदिशें तो सरकारी पैसों पर चलने वाले इन उच्च शिक्षण संस्थायों में ,हिंदुस्तान के गाँव और कस्बों छोटे शहरों के सरकारी और म्युनिसिपल स्कूलों से पढ़ने वाले बच्चे , शिक्षा प्राप्त करने का सपना कैसे देख सकते हैं
जनाब यह तो सीधे सीधे संस्थागत तरीके से ग्रामीण और कस्बाई सरकारी स्कूलों के बच्चों के EXCLUSION की साजिश है.
इसे कहते हैं संस्थागत रूप से प्रतिभा की छंटाई और प्रतिभा का सृजन .मेधा सृजन और निर्माण की यह नयी रवायत है.किसने कहा की सब को समान अवसर मिलना चाहिए . कौन कहता है की मेधा का सृजन सामजिक प्रक्रिया है .
सनद रहे ,इक्कीसवीं सदी में हम मुक्कम्मल तौर पर भारत को मेधा -आधारित समाज और राष्ट्र बनाना चाहते हैं.

Thursday, August 6, 2009

मगध के ऐतिहासिक धरोहर की हिफाजत कौन करेगा ?

दैनिक जागरण , पटना के हवाले से एक खबर आई है . नालंदा जिला , हिलसा अनुमंडल के थरथरी प्रखंड के राजबाद गाँव में तालाब की खुदाई में प्राचीन भगनाव्शेष मिलाने की खबर आई है . कहने की जरूरत नहीं की इस की मुकम्मल पुरातात्विक उत्खनन और संरक्षण की जरूरत है . यूँ पूरा मगध क्षेत्र हीं गौतम बुद्ध की कर्म भूमि रही है ,पर इस क्षेत्र के गौरवमयी (बुद्ध काल ,मौर्य, गुप्त काल और पाल वंश के पांच सौ साल के शासन काल तक ) इतिहास और सांस्कृतिक धरोहर को द्रिघ्कालीन सुदृढ़ नीति बनाकर सहेजकर रखने और विकसित करने की जरूरत है .इस समाचार को विस्तार से पढें .
तालाब की खुदाई में मिले प्राचीन सभ्यता के अवशेष
हिलसा (नालंदा) Aug 06, 09:42 pm
जिले के हिलसा अनुमंडल के थरथरी प्रखंड क्षेत्र के जैतपुर पंचायत अंतर्गत राजाबाद गांव में सरकारी स्तर पर तालाब खुदाई के दौरान प्राचीन सभ्यता के अवशेष मिले है। ग्रामीणों ने समझदारी दिखाते हुए मशीनों से हो रही तालाब की खुदाई रोक दी है और खुद कुदाल व फावड़े लेकर भग्नावशेषों को बिना क्षति पहुंचाये खुदाई करने में जुट गये है। कार्य की देखरेख कर रहे ग्रामीणों ने विशेष कार्य प्रमंडल के जूनियर इंजीनियर को इस बाबत सूचित कर दिया है लेकिन भग्नावशेषों को मिले दो दिन गुजर गये, अब तक कोई भी सक्षम पदाधिकारी स्पाट पर नहीं पहुंचे है। पुरातत्व विभाग भी इस प्रकरण से अबतक अनजान है। वैसे एएसआई के निदेशक एमजे निकोसे ने कहा कि अगर तालाब खुदाई में प्राचीन स्थापत्य कला के भग्नावशेष मिले है तो वह जल्द ही विशेषज्ञों की एक टीम राजाबाद गांव भेजेंगे। जो तमाम तथ्यों का बारीकि से मुआयना करेगी।
बता दें कि राजाबाद अवस्थित तालाब की खुदाई विशेष कार्य प्रमंडल के अधीन हो रही है। खुदाई कार्य अंतिम चरण में पहुंच चुका है। 9.75 लाख की इस कार्य योजना के तहत तालाब को 335 वर्ग फुट क्षेत्र में 7.5 फुट गहरा किया गया है। इसी क्रम में तालाब के पश्चिमी क्षेत्र में 21 फुट लंबा व 16 फुट चौड़ा चबूतरा मिला है। इस चबूतरे में लगी ईटे 14 इंच लंबी, 9 इंच चौड़ी व 2.5 इंच मोटाई की है। चबूतरा पश्चिम से पूरब की ओर झुका हुआ है। चबूतरे के उत्तर-दक्षिण लकड़ी का भीमकाय कालम भी है। इसके अलावा पानी में डूबा एक विशालकाय लकड़ी का खंभा भी है। जिसे ग्रामीणों ने मशीन के सहारे उखाड़ने की कोशिश की लेकिन खंभा टस से मस नहीं हुआ। फिलहाल इस खुदाई कार्य की देखरेख कर रहे संजय सिंह, पंचायत के पूर्व मुखिया श्यामनंदन शर्मा, ललन सिंह, बिन्दा प्रसाद व संतोष कुमार सहित कई अन्य लोगों के नेतृत्व में तालाब की खुदाई करायी जा रही है। ग्रामीणों को कुछ और महत्वपूर्ण अवशेष मिलने की संभावना नजर आ रही है।

Saturday, July 25, 2009

पटना के आला पुलिस अफसरों का तबादला : दोषियों को उचित सजा मिलना बाकी है

एक्जीविशन रोड की शर्मसार करने वाली घटना में अभी सारे दोषियों को गिरफ्तार किया जाना बाकी है .पर सरकार ने फौरी कार्रवाई करते हुए इलाके में तैनात आला पुलिस अफसरों का तबादल कर दिया है.लेकिन इतने से नहीं होगा . इस शर्मनाक घटना में प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप में शामिल सभी तत्वों को एक्सेम्प्लारी दंड देने की आवश्यकता है . देखिये ऐसा कब तक होता है . लेकिन जितनी कारवाई अभी तक हुयी है संतोष प्रद है.समाचार विस्तार से पढें ;
Stripping of woman: Top police brass transferred
AGENCIES 25 July 2009, 08:27pm ISTPrint
PATNA: Bihar Chief Minister Nitish Kumar on Saturday reshuffled the state's top police brass following an alleged assault and stripping of a woman by a group of men. The incident shocked the nation.
Fourteen Indian Police Service (IPS) officers including the inspector general of police and the deputy inspector general have been transferred, IANS reported.
Top police officers in Patna, including district and city police chiefs, have been removed and posted at different places.
Fourteen deputy superintendents of police have also been transferred.
The reshuffle of the police brass is being seen as a damage control exercise after the opposition and women's rights activists criticised the government for alleged lawlessness in the state.
A group of men had abused, assaulted and then stripped a woman in her 20s in full public view at a busy road in the state capital Thursday evening.
A police team was reportedly present at the site and watched the attack on the woman for nearly an hour before taking the culprits to the police station.
Assistant sub-inspector Shiv Nath Singh, who was in charge of patrolling the area, has already been suspended for not helping the woman in time.
The woman was identified as a resident of Jesidih, a town in the neighbouring state Jharkhand. Rakesh Kumar, a resident of Punaichak here, had lured her to Patna with a promise of providing a job to her.
Soon after she came here, Rakesh allegedly forced her to have sex with his friends. She ran away from the hotel where she had been staying with him for the last few days. However, Rakesh and his friends caught up with her and attacked her.
3 held for assault on girl in public
According to PTI, three persons were on Saturday arrested in connection with alleged assault and stripping of a young woman by a group of people.
Police said the arrested persons were Ashok Kumar, owner of the hotel where the woman allegedly engaged in flesh trade stayed, and the hotel manager besides an alleged pimp.
DIG Police (central range) J S Gangwar said that the arrests were made after a case was registered on the basis of the woman's statement under various sections of the IPC and the Prevention of Immoral Trafficking Act.

Friday, July 24, 2009

शर्मसार माहौल में संवेदनशीलता और मानवता की किरण - सी आई एस एफ के जवान और कार चालक को सलाम

कल पटना गाँधी मैदान से सटे एक्जिविसन रोड में दिन दुपहरिया जो शर्मनाक वाकया हुआ उसकी जितनी भी भर्त्सना की जाय कम है. हम सब को मिल बैठकर सोचने की जरूरत है की ऐसी घटनायों की पुर्नावृत्ति कैसे रोकी जाय .इस तरह का वीभत्स व्यवहार तो निरा बर्बर समुदायों में ही संभव है.अब जब यह हादसा हो गया है तो इस कुकृत्य में सीधे तौर पर शामिल लोगों पर तो कार्रवाई हो ही , उन लोगों पर भी करवाई होनी चाहिए जो बतौर मूक दर्शक इसमें शामिल थे.
हाँ संतोष इस बात का है की समाज की संवेदन शीलता ख़तम नहीं हुयी है .हम उस बहादुर जवान और कार चालक को सलाम करते हैं और उम्मीद करते हैं की उसे राजकीय सम्मान मिले . और उस महिला का चरित्र हनन करने वाले पुलिस के आला अधिकारियों को भी उचित सजा मिले.
ये जनाब कुछ इस अंदाज में उस महिला को जिस्म फरोश कह रहे थे जैसे उनको यह अधिकार मिला है की जिस्म फरोसी में शामिल हर महिला को वे ऐसी सजा दिलवाएं .सरकार ऐसे संवेदनहीन और भ्रष्ट पुलिस वालों से तो निपटे या न निपटे हम जरूर भगवान से प्रार्थना करेंगें की प्रभु इन्हें सद्बुद्धि दें ,और इनके अपनों को इस महिला जैसा दिन कभी न देखना पड़े .
समाचार अंश विस्तार से पढें .

सीआईएसएफ का जवान था युवती को थाने पहुंचाने वाला
Jul 25, 12:41 am
पटना एक्जीबिशन रोड पर भरी भीड़ से युवती को बचा कर गांधी मैदान पहुंचाने वाला केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल का जवान था। इसके अलावा डेयरी प्रोजेक्ट के निदेशक के कार चालक ने भी युवती को भीड़ से निकालने में अहम भूमिका निभाई थी।
एक्जीबिशन रोड पर गुरुवार की शाम जब भारी भीड़ युवती के साथ बदसलूकी कर रही थी तो दो युवकों के हौसले ने मानवता को और ज्यादा शर्मसार होने से बचा लिया था। गुरुवार की शाम वरीय पुलिस अधिकारियों ने इन्हें बिहार पुलिस का जवान बताते हुये इनकी खोज किये जाने की बात कही थी। पुलिस अधिकारियों के अनुसार इनमें से एक केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल का जवान देवेंद्र था। यह एक्जीबिशन रोड स्थित एक बैंक आया हुआ था। भीड़ देख जब वह मामला जानने नजदीक गया तो उसे भरी भीड़ में युवती फंसी नजर आयी। उसने अपना परिचय देखकर राकेश व युवती को भीड़ से बाहर निकाला। इस काम में डेयरी प्रोजेक्ट के निदेशक के चालक विनीत ने भी अहम भूमिका निभाई। ये दोनों ही राकेश व युवती को लेकर गांधी मैदान पहुंचे। दोनों को आज पुलिस मुख्यालय बुला कर इनकी पीठ ठोंकी गयी। पुलिस अधिकारियों के अनुसार इन दोनों को जल्द ही सम्मानित किया जाएगा।
: दैनिक जागरण पटना से साभार