Friday, July 24, 2009

शर्मसार माहौल में संवेदनशीलता और मानवता की किरण - सी आई एस एफ के जवान और कार चालक को सलाम

कल पटना गाँधी मैदान से सटे एक्जिविसन रोड में दिन दुपहरिया जो शर्मनाक वाकया हुआ उसकी जितनी भी भर्त्सना की जाय कम है. हम सब को मिल बैठकर सोचने की जरूरत है की ऐसी घटनायों की पुर्नावृत्ति कैसे रोकी जाय .इस तरह का वीभत्स व्यवहार तो निरा बर्बर समुदायों में ही संभव है.अब जब यह हादसा हो गया है तो इस कुकृत्य में सीधे तौर पर शामिल लोगों पर तो कार्रवाई हो ही , उन लोगों पर भी करवाई होनी चाहिए जो बतौर मूक दर्शक इसमें शामिल थे.
हाँ संतोष इस बात का है की समाज की संवेदन शीलता ख़तम नहीं हुयी है .हम उस बहादुर जवान और कार चालक को सलाम करते हैं और उम्मीद करते हैं की उसे राजकीय सम्मान मिले . और उस महिला का चरित्र हनन करने वाले पुलिस के आला अधिकारियों को भी उचित सजा मिले.
ये जनाब कुछ इस अंदाज में उस महिला को जिस्म फरोश कह रहे थे जैसे उनको यह अधिकार मिला है की जिस्म फरोसी में शामिल हर महिला को वे ऐसी सजा दिलवाएं .सरकार ऐसे संवेदनहीन और भ्रष्ट पुलिस वालों से तो निपटे या न निपटे हम जरूर भगवान से प्रार्थना करेंगें की प्रभु इन्हें सद्बुद्धि दें ,और इनके अपनों को इस महिला जैसा दिन कभी न देखना पड़े .
समाचार अंश विस्तार से पढें .

सीआईएसएफ का जवान था युवती को थाने पहुंचाने वाला
Jul 25, 12:41 am
पटना एक्जीबिशन रोड पर भरी भीड़ से युवती को बचा कर गांधी मैदान पहुंचाने वाला केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल का जवान था। इसके अलावा डेयरी प्रोजेक्ट के निदेशक के कार चालक ने भी युवती को भीड़ से निकालने में अहम भूमिका निभाई थी।
एक्जीबिशन रोड पर गुरुवार की शाम जब भारी भीड़ युवती के साथ बदसलूकी कर रही थी तो दो युवकों के हौसले ने मानवता को और ज्यादा शर्मसार होने से बचा लिया था। गुरुवार की शाम वरीय पुलिस अधिकारियों ने इन्हें बिहार पुलिस का जवान बताते हुये इनकी खोज किये जाने की बात कही थी। पुलिस अधिकारियों के अनुसार इनमें से एक केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल का जवान देवेंद्र था। यह एक्जीबिशन रोड स्थित एक बैंक आया हुआ था। भीड़ देख जब वह मामला जानने नजदीक गया तो उसे भरी भीड़ में युवती फंसी नजर आयी। उसने अपना परिचय देखकर राकेश व युवती को भीड़ से बाहर निकाला। इस काम में डेयरी प्रोजेक्ट के निदेशक के चालक विनीत ने भी अहम भूमिका निभाई। ये दोनों ही राकेश व युवती को लेकर गांधी मैदान पहुंचे। दोनों को आज पुलिस मुख्यालय बुला कर इनकी पीठ ठोंकी गयी। पुलिस अधिकारियों के अनुसार इन दोनों को जल्द ही सम्मानित किया जाएगा।
: दैनिक जागरण पटना से साभार

3 comments:

रंजीत/ Ranjit said...

bahut dukhad ghatna. us jawan ko mera bhee salam

विवेक रस्तोगी said...

भारत बस ऐसे इक्का दुक्का लोगों के सहारे ही मानवीयता का दंभ भर सकता है।

vandana gupta said...

aaj kuch hi logon mein itna hosla hai aur samvednayein hain.