Thursday, August 6, 2009

मगध के ऐतिहासिक धरोहर की हिफाजत कौन करेगा ?

दैनिक जागरण , पटना के हवाले से एक खबर आई है . नालंदा जिला , हिलसा अनुमंडल के थरथरी प्रखंड के राजबाद गाँव में तालाब की खुदाई में प्राचीन भगनाव्शेष मिलाने की खबर आई है . कहने की जरूरत नहीं की इस की मुकम्मल पुरातात्विक उत्खनन और संरक्षण की जरूरत है . यूँ पूरा मगध क्षेत्र हीं गौतम बुद्ध की कर्म भूमि रही है ,पर इस क्षेत्र के गौरवमयी (बुद्ध काल ,मौर्य, गुप्त काल और पाल वंश के पांच सौ साल के शासन काल तक ) इतिहास और सांस्कृतिक धरोहर को द्रिघ्कालीन सुदृढ़ नीति बनाकर सहेजकर रखने और विकसित करने की जरूरत है .इस समाचार को विस्तार से पढें .
तालाब की खुदाई में मिले प्राचीन सभ्यता के अवशेष
हिलसा (नालंदा) Aug 06, 09:42 pm
जिले के हिलसा अनुमंडल के थरथरी प्रखंड क्षेत्र के जैतपुर पंचायत अंतर्गत राजाबाद गांव में सरकारी स्तर पर तालाब खुदाई के दौरान प्राचीन सभ्यता के अवशेष मिले है। ग्रामीणों ने समझदारी दिखाते हुए मशीनों से हो रही तालाब की खुदाई रोक दी है और खुद कुदाल व फावड़े लेकर भग्नावशेषों को बिना क्षति पहुंचाये खुदाई करने में जुट गये है। कार्य की देखरेख कर रहे ग्रामीणों ने विशेष कार्य प्रमंडल के जूनियर इंजीनियर को इस बाबत सूचित कर दिया है लेकिन भग्नावशेषों को मिले दो दिन गुजर गये, अब तक कोई भी सक्षम पदाधिकारी स्पाट पर नहीं पहुंचे है। पुरातत्व विभाग भी इस प्रकरण से अबतक अनजान है। वैसे एएसआई के निदेशक एमजे निकोसे ने कहा कि अगर तालाब खुदाई में प्राचीन स्थापत्य कला के भग्नावशेष मिले है तो वह जल्द ही विशेषज्ञों की एक टीम राजाबाद गांव भेजेंगे। जो तमाम तथ्यों का बारीकि से मुआयना करेगी।
बता दें कि राजाबाद अवस्थित तालाब की खुदाई विशेष कार्य प्रमंडल के अधीन हो रही है। खुदाई कार्य अंतिम चरण में पहुंच चुका है। 9.75 लाख की इस कार्य योजना के तहत तालाब को 335 वर्ग फुट क्षेत्र में 7.5 फुट गहरा किया गया है। इसी क्रम में तालाब के पश्चिमी क्षेत्र में 21 फुट लंबा व 16 फुट चौड़ा चबूतरा मिला है। इस चबूतरे में लगी ईटे 14 इंच लंबी, 9 इंच चौड़ी व 2.5 इंच मोटाई की है। चबूतरा पश्चिम से पूरब की ओर झुका हुआ है। चबूतरे के उत्तर-दक्षिण लकड़ी का भीमकाय कालम भी है। इसके अलावा पानी में डूबा एक विशालकाय लकड़ी का खंभा भी है। जिसे ग्रामीणों ने मशीन के सहारे उखाड़ने की कोशिश की लेकिन खंभा टस से मस नहीं हुआ। फिलहाल इस खुदाई कार्य की देखरेख कर रहे संजय सिंह, पंचायत के पूर्व मुखिया श्यामनंदन शर्मा, ललन सिंह, बिन्दा प्रसाद व संतोष कुमार सहित कई अन्य लोगों के नेतृत्व में तालाब की खुदाई करायी जा रही है। ग्रामीणों को कुछ और महत्वपूर्ण अवशेष मिलने की संभावना नजर आ रही है।

2 comments:

रंजीत/ Ranjit said...

Bihar ke vaibhavshalee ateet par sirf javanee jama kharch hota hai. koi serious research nahin ho raha. Bihari ko hee aagen aana hoga. Akhir hamare university me PHd ke vidyarthee kar kya rahe hain ?? drying room research ya copying research ??

Debashis Mukherjee said...

আমার বেশ ভালো লাগল