आज जब बराक ओबामा अमेरिका के ४४ वें राष्ट्रपति के रूप में शपथ ग्रहण करेंगें तो हम लोग इतिहास बनते देखेंगें ।
यह एक युगांतकारी घटना है न सिर्फ़ अमेरिका के लिए बल्कि दुनिया भर में एक जीवंत उदहारण और मिशाल के रूप में।बराक ओबामा के लिए यह व्यक्ति गत स्तर पर अद्भुत उपलब्धि है .पर यह अमेरिकी समाज और वहाँ कि राजनीति के अद्भुत स्वरुप , परिपक्वता और लोकतान्त्रिक मूल्यों के प्रति समर्पण को भी रेखांकित करता है. शायद इसे ही "अमेरिकन स्वप्न " कहा गया है.
क्या हम भारतीय ओबामा की कल्पना कर सकते हैं?
हिन्दुस्तानी ओबामा की क्या पहचान होगी ?
उसका धर्म क्या होगा?
अगर हिंदू हुआ तो उसकी जाति क्या होगी ?
पुरूष या औरत ?
सुदूर पूर्व या सुदूर दक्षिण ?
मदरसे का पढ़ा होगा या किसी बंधुआ मजदूर की संतति होगा ?
कितनी दूर है भारत का ओबामा ?
उसकी " उम्मीद की धृष्टता "( औदासिटी ऑफ़ होप ) की सीमा क्या होगी ?
कहाँ तक एक राष्ट्र ,समाज के रूप में हम परिपक्व हुए हैं ?
अगर इन सवालों का फौरी तौर पर उत्तर न मिले तो भी आज रात अमेरिकन ओबामा के प्रथम भाषण का इन्तेजार करें और उसका लुत्फ़ उठायें .
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