Thursday, January 8, 2009

सत्यम के गुनाहगार कौन कौन ?

सत्यम प्रकरण के गुनाहगार कौन कौन हैं ?
सत्यम कम्पनी में ६००० करोड रुपये के घपले में आखिर गुनाहगार सिर्फ़ उस कंपनी के चेयरमैन राजू हैं ?सत्यम देश की चौथी सबसे बड़ी आईटी कंपनी है। नास्डाक स्टॉक एक्सचेंज में यह लिस्टेड है। इस को बेस्ट कारपोरेट गोवेर्नांस का अवार्ड मिल चुका है। इस कंपनी को आंध्र के तत्कालीन मुख्य मंत्री ने राज्य के सफलता के नमूने के तौर पर राष्ट्रपति बिल क्लिंटन के सम्मुख पेश किया गया था । एक बिलियन डॉलर से अधिक की विदेसी कमाई वाली कंपनी .
उपलब्धियों और सम्मानों की लम्बी फेहरिस्त है।
भारत में चालू आर्थिक सुधारों और उभरते भारत की नई तस्वीर और उसका मुखौटा सत्यम ।
जैसा के समाचार पत्रों ने लिखा है यह भारत का सबसे बड़ा कारपोरेट फ्रौड़ है।
सवाल यह उठता है कि कि सत्यम के इस गुनाह में कौन कौन शरीक है ?
इस घोटाले को रोकने कि जिम्मेवारी किस किस की थी ?
आख़िर वो कौन सी मजबूरियां थी कि राजू को घपले में अपनी संलिप्तता को स्वीकार करना पड़ा ?
कंपनी एक्ट के प्रावधानों का क्या हुआ ?
कंपनी के बोर्ड में नियुक्त स्वतंत्र निदेशकों ने अपने कर्तव्य का निर्वहन कैसे किया ?
कंपनी एक्ट के तहत ऑडिट का प्रावधान है .ऑडिट करने वाली कंपनी pwc जैसी नामी संस्था ।
सेबी एक रेगुलेटर के तौर पर ।
म्यूचुअल फुन्ड्स में तैनात वित्तीय विश्लेषकों की पुरी फौज .
सब के सब पुरी तौर फेल या शरीक
अंत में यक्ष प्रश्न
क्या सत्यम एक मात्र बड़ी कंपनी है जिस में ऐसा घपला हो रह था ?
जिस तौर तरीकों से इस घपले को सत्यम में अंजाम दिया गया वह कोई नायब तरीका है जिस की जानकारी और नामी गिरामी कोमानियों को नहीं है ?
इन सवालों के उत्तर हम सब को फौरी तौर पर ढूँढना होगा.












5 comments:

Satyendra PS said...

इस घोटाले के लिए जिम्मेदार पूंजीवादी व्यवस्था ही है, जिसमें इस तरह के फर्जीवाड़े से ही कारोबार चलता है। एक लाख शेयर खरीदने वाले डूबते हैं तो एक आदमी अमीर होता है। जब तक फर्जी काम सही ढंग से चलता है, कारोबार चलता रहता है। जब नाव डगमगाती है तो पूरा मामला सामने आ जाता है। राजू ने भी कंपनी का भरपूर विस्तार किया, हवा में बढ़त दिखाकर निवेशकों से पैसा बटोरा, लेकिन जब सबकुछ नियंत्रण से बाहर चला गया तो मान लिया, हां हमने गड़बड़ी की।

Gyan Darpan said...

सत्यम प्रकरण के गुनाहगार कौन कौन हैं ?
हम तो नही नही है जी !
मुझे तो लगता है हमारी व्यवस्था ही गुनाहगार है जिसमे इतने बड़े-बड़े घोटाले करने के सुराख़ है !

प्रेम सागर सिंह [Prem Sagar Singh] said...

कौशलजी लिखते रहिये, अचछा लिखा है. मे आपको पढता रहूँगा.pl delete word verificatio.

अभिषेक मिश्र said...

अभी तो जो पकड़ा गया वो ही चोर है, आगे पता नहीं और किसकी पोल खुले. India rising की असलियत दुनिया को दिखा रहे हैं ये. स्वागत ब्लॉग परिवार और मेरे ब्लॉग पर भी.

संगीता पुरी said...

बहुत सुंदर...आपके इस सुंदर से चिटठे के साथ आपका ब्‍लाग जगत में स्‍वागत है.....आशा है , आप अपनी प्रतिभा से हिन्‍दी चिटठा जगत को समृद्ध करने और हिन्‍दी पाठको को ज्ञान बांटने के साथ साथ खुद भी सफलता प्राप्‍त करेंगे .....हमारी शुभकामनाएं आपके साथ हैं।