Friday, January 9, 2009

बंजारा जीवन का रोमांस

बंजारों का जीवन कवियों ,संतों और रसिकों की कवितायों , सीखों और आकाँक्षाओं में बारबार आनेवाल विम्ब है.बंजारा उन्मुक्त और स्वतंत्र जीवन का प्रतीक .मानव की अदम्य जिजीविषा का प्रतीक ,मतलब मनुष्य की खोजी प्रतीक का रूमानी मुर्तिकरण या अमूर्तिकरण.कहें तो राहुल सांकृत्यायन , मार्को पोलो , हुवें त्सांग और कोलंबस वास्कोडिगामा जैसी आत्मायों की कम्पोसित साक्षात् मूर्ति।
कवियों के लिए तो उनकी सारी रूमानियत का स्थूल रूप .और जब यह किसी सधे गायक के स्वर में सुनें तो आप भी पुरे मस्त हो जाते हैं।
यूरोप में फैले हुए जिप्सी समुदाय यूँ तो सदियों से प्रताडित और शोषित रहा है पर यूरोपियन साहित्य में रूमानियत का स्थाई प्रतीक के तौर पर रहा है।
इतिहासकार कहते हैं कि भोपाल ताल का निर्माण लख्खा बंजारा नामके के सरदार ने बनाया था।
बंजारों कि प्रेम कहानियाँ ,कठिन परिश्रम , त्याग और बहुदारी के किस्से मध्य भारत में प्रचलित हैं।
जसमा ओडन की अद्भुत प्रेम कथा गुजरात , मालवा ,छत्तीसगढ़ और संभलपुर तक लोकजीवन में रची बसी है ।
मार्मिक प्रेम कथा है जसमा ओडन की । नादिरा बब्बर ने जसमा ओडन की लोक कथा को रंगमंच पर जीवित किया है।
बंजारों और उनके जीवन का रूमानी आकर्षण इस तरह बना रहे.कल मैं अनुराधा पौडवाल जी की एक गायन समारोह में गया था .बंजारों की महिमा उनके एक मधुर गीत में सुना और उनके जीवन के रोमांस में खो गया.

3 comments:

विधुल्लता said...

बंजारों के जीवन और उनके प्रेम पर आधारित आपका लेख रोचक है ..इतिहासकार कहते हैं कि भोपाल ताल का निर्माण लख्खा बंजारा नामके के सरदार ने बनाया था।...भ्पल ताल से सम्बंधित और कोई जान कारी हो तो साझा करिए ..बधाई,

Unknown said...

I want the total biography of Sri Santh Sevalal maharaj , and it can be understood common man.

Unknown said...

धन्यवाद और ढेर सारी बधाई